7 Important Life Lessons Thomas Alva Edison
Name | Thomas Alva Edison | 11/2/1847 |
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Fathers Name | Samuel Ogden Edison | 1804-1896 |
Mothers Name | Nancy Mathews Eliott | 1810-1871 |
1st invention | EDISON UNIVERSAL STOCK PRINTER | |
bulb invention | 21/10/1879 | |
Total Invention | 1093 | |
death | 18/10/1971 |
Thomas alva edison जी हाँ आज हम बात करने वाले हे दुनिया दो रोसन करने वाले थे ग्रेट मर थॉमस अल्वा एडिसन के बारे में जानेंगे उन की पूरी लाइफ हिस्ट्री इन शार्ट आसा करता हूँ आज हम को बहोत कुछ सिखने मिलेगा। दोस्तों स्वागत हे आप का और में हूँ सचिन आप का होस्ट तो चलिए दोस्तों ज्यादा समय न लेते हुए चलते हे उन की सक्सेस स्टोरी की और।
1 :- Life Story Of Thomas Alva Edison
यह कहानी है सदी के महान वैज्ञानिक की जिनकी सकारात्मक सोच ने दुनिया बदल डाली हमारी सबसे बड़ी कमजोरी हार मानना है सफलता प्राप्त करने का सबसे साधारण तरीका है एक बार और कोशिश करना और कोशिश करते रहना दोस्तों यह कहना है महान वैज्ञानिक Thomas Alva Edison का Thomas Alva Edison भला आज कौन नहीं जानता वह बहुत बड़े वैज्ञानिक थे उन्होंने पूरी जीवनकाल के दौरान बहुत सारे आविष्कार किए जैसे बिजली का बल्ब इलेक्ट्रिक मशीन भाव से चलने वाली गाड़ी को बिजली से चलाया ग्रामोफोन का आविष्कार भी एडमिशन की ही देन है इसके अलावा भी एडिशन में बहुत सारे आविष्कार कर दुनिया को चौंका दिया दोस्तों उन्होंने अपने पूरे जीवन काल में 1093 आविष्कार करके एक विश्व रिकॉर्ड बना दिया दोस्तों हो सकता है आपको यह सब बातें पहले से ही पता हो लेकिन इतने सारे आविष्कार करना यह तो उनकी जिंदगी का बस एक पहलू है और आज मैं आपको उनकी जिंदगी के दूसरे पहलुओं से रूबरू कराऊंगा जिसमें मैं उनकी पॉजिटिव यानी सकारात्मक सोच के ऐसे उदाहरण पेश करूंगा जिनको अगर आप अपनी जिंदगी में अपना ले तो आपको अपने जिंदगी में कामयाब होने से कोई रोक नहीं सकता
2:- Thomas Alva Edison ka Bachpan
दोस्तों Thomas Alva Edison का जन्म 11 फरवरी 1847 को अमेरिका में हुआ था उनके पिता का नाम Samuel Ogden Edison (1804--1896)और मां का नाम Nancy Matthews Eliott (1810--1871)था और एडिशन अपने माता-पिता की 7 संतानों में सबसे छोटे थे जब एडमिशन थोड़े बड़े हुए तो उनके माता-पिता ने उनका एडमिशन स्कूल में करा दिया लेकिन कुछ दिनों बाद स्कूल से शिकायतें आने लगी दरअसल होता यह था कि Edison इतना पूछा करते थे कि सभी तंग हो जाते हैं और समझते कि शरारती बच्चा है यहां तक कि घर के बाहर लोग इन को मंदबुद्धि बालक समझने लगे और घर पर इनकी खूब शिकायतें आने लगी क्योंकि उनके सवाल कुछ इस तरह के होते थे कि यदि पक्षी हवा में उड़ सकते हैं तो आदमी क्यों नहीं हो सकता वह बचपन से ही काफी जिज्ञासु थे हर चीज के पीछे छुपे हुए राज को जानने की कोशिश करते रहते थे वह जो कुछ भी जानते थे यह सोचते थे उस विषय पर अपना प्रयोग शुरु कर देते थे इस कारण लोगों ने सनकी और पागल कहते थे पर वह लोगों की परवाह किए बगैर अपने प्रयोगों में जुटे रहते थे एक बार तो उनकी एक सोचने लोगों को इतना हैरान कर दिया कि सभी को वास्तव में लगने लगा कि वह पागल है और सनकी भी अपने पागलपन में कभी भी कुछ भी कर सकते हैं दोस्तों हुआ यूं था कि उन्होंने लोगों के मुंह से सुना हुआ था कि पक्षी कीड़े मकोड़े खाते हैं इसीलिए वह हवा में उड़ते हैं तब उन्होंने इस प्रयोग करना चाहा और जिज्ञासा बस उसके सत्य जाने के लिए वह सुबह सुबह एक बगीचा में चले गए और वहां से ढेरों कीड़े मकोड़े पकड़कर एक जार में बंद करके ले आए उसका एक गोल (Juice) बना लिया और इसको अपने दोस्त को पिला दिया यह जानने के लिए कि दोस्त पक्षी की तरह उड़ता है या नहीं पर इसका नतीजा उल्टा निकला और दोस्त का हालत खराब हो गई और तबीयत बिगड़ गई और इस बात पर उस दिन Edison की खूब पिटाई हुई उन पर पाबंदी लगाई गई है फिर एक दिन की बात है जो वह स्कूल से घर आए और अपनी मां को एक कागज देकर कहा कि यह टीचर ने दिया है और जब मा ने वह कागज दिखा तो वह एक चींटी थी जिसे पढ़कर मां की आंखों में आंसू आ गए तो एडिसन ने अपनी मां से पूछा कि इसमें क्या लिखा है मां तो आंसू पहुंचकर मां ने कहा कि इसमें लिखा है कि आपका बेटा बहुत होशियार है किस इंजीनियर से कम नहीं है लेकिन हमारा स्कूल लो लेवल का है और टीचर भी बहुत ट्रेन नहीं है इसलिए हम इसे नहीं पढ़ा सकते इसे अब आप स्वयं शिक्षा दें दोस्तों जिस समय Edison की आयु मात्र 9 वर्ष थी
3:- Edison ka Success ki aur badhte hue kadam
तब उनकी माता ने उन्हें प्रारंभिक विज्ञान की एक पुस्तक दी थी जिसमें बताया गया था कि रसायन विज्ञान के कुछ प्रयोगों को घर पर कैसे करें और फिर दोस्तों एडिसन ने 10 वर्ष की उम्र में ही अपनी पहली प्रयोगशाला घर पर ही बना ली परंतु कुछ दिनों बाद उनकी मां ने किसी बात से नाराज होकर उनका सारा सामान बाहर फेंक दिया इसके बाद अपनी नई प्रयोगशाला खोलने के लिए उनको पैसों की सख्त जरूरत थी इसीलिए एडिशन ने रेल यात्रियों को टिकट और अखबार भेजना शुरू कर दी और अब Edison ने रेलगाड़ी की एक खाली डिब्बे में अपने प्रयोगशाला बना ली थी लेकिन जब वह 12 साल थे तब एक प्रयोग करते समय उनकी रसायन नीचे गिर गई और उनके रासायनिक प्रतिक्रिया के परिणाम स्वरुप ट्रेन के उस डिब्बे में आग लग गई फिर आग बुझा दी गई लेकिन वहां के सुरक्षाकर्मी ने क्रोधित होकर Edison के कान पर एक जोरदार तमाचा जड़ दिया और उसे गाड़ी से उतार दिया दोस्तों आप जानते हो उस एक तमाचा के कारण Edison को ऊंचा सुनाई देने लगा और धीरे-धीरे उनकी सुनने की क्षमता खत्म होने लगी
4:- Thomas Alva Edison ka Pehla Abiskar
लेकिन उनकी जगह कोई भी होता तो शायद बहुत दुखी और निराश हो जाता लेकिन edison इस बात से दुखी होने की वजह खुश हुए और जनम होए उनकी सकारात्मक सोच का क्योंकि Edison को लगा कि उसे उन्हें बेकार की बातें सुनाई नहीं देगी और वह अपने काम में ज्यादा फोकस (Focus) कर पाएंगे दोस्तों मात्र 15 वर्ष की उम्र में Thomas Edison स्वयं अपने समाचार पत्र की छपाई और प्रकाशित करने लगे थे और उसे खुद ही चलती ट्रेन में जाकर बेचने लगे थे और दिन भर काम करने के बाद बाकी बचे समय को प्रयोगशाला में लगा देते थे दोस्तों समय के साथ-साथ Edison एक महान वैज्ञानिक बन गए और अविष्कार करने लगे EDISON UNIVERSAL STOCK PRINTER उनका पहला आविष्कार था जिसे Edison भेजन में सफल हुए थे और इससे जुड़ी एक रोचक कहानी है कि जब एडिसन ने अनुभव किया कि उनके आविष्कार की कीमत 5000 अमेरिकी डॉलर है तो उसे $3000 में बेचने में तैयार हो गए थे लेकिन किसी ने उसे $40000 में खरीद लिया
दोस्तों आज की तारीख में उसका मान लगभग $750000 है यानी लगभग 5 करोड रुपए के बराबर है और उस समय के हिसाब से यह इतनी बड़ी रकम थी जिसे सुनकर एडिशन बेहोश होने वाले थे लेकिन उन्होंने अपने आप को संभाला था दोस्तों अब उनका कामयाबी का सफर शुरू हो चुका था इसके बाद उन्होंने एक के बाद एक अविष्कार करना शुरू कर दिया और उनके किए हुए अविष्कारों में सबसे बड़ा अविष्कार है electrical bulb तो जैसे ही शाम होती है और अंधेरा होता है तो हम तुरंत bulb चालू कर देते हैं वह चारों तरफ उजाला हो जाता है लेकिन क्या कभी आपने सोचा है बल्ब कैसे बना होगा शायद हमारे पास इसके बारे में सोचने का वक्त ही नहीं हो लेकिन दोस्तों बिजली का बल्ब बनाने में Thomas Alva Edison ने 10000 बार से भी अधिक बार असफलता प्राप्त की लेकिन निराश नहीं हुए क्योंकि वह कहते थे कि हम बिजली को इतना सस्ता बना देंगे कि केवल अमीर लोग ही मोमबत्तियां जलाएंगे
5:- Bulb ka abiskar
और अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष के दम पर 32 वर्ष की उम्र में बल्ब का आविष्कार किया और 21 अक्टूबर सन 1879 को पहला Bulb पूरी दिनभर चलता रहा दूर-दूर से हजारों लोगों की भीड़ देखने आने लगी क्योंकि लोगों के लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं था
और दोस्तों जब Edison से पूछा गया कि आप 10000 से भी अधिक बार असफल होने के बावजूद कैसे बिना हार माने काम करते रहे तो उन्होंने कहा असफल नहीं हुआ हूं मैंने 10,000 ऐसे रास्ते ढूंढ निकालें जो काम नहीं आते और जो गलत रास्ते हैं उनके इस सकारात्मक विचार में मानव जाति के लिए एक मिसाल कायम कर दी कि जब तक कोई परिणाम ना मिले आगे बढ़ो और तब तक आगे बढ़ो जब तक जीत हासिल ना कर लो
दोस्तों कहानी जहां खत्म नहीं होती 1 दिन की बात है जब Edison फुर्सत के क्षणों में अपनी पुरानी यादगार वस्तुओं को देख रहे थे तभी उन्हें एक अलमारी के कोने में एक पुराना खत मिला दोस्तों यह वही खत्म था जो उनके बचपन में टीचर ने उन्हें दिया था और उनकी मां ने उस खत को पढ़कर Edison को बताया था कि टीचर ने लिखा है कि वह बहुत होशियार और जीनियस है और यह कहकर उनकी आंखों में आंसू भी आ गए थे लेकिन दोस्तों अब उनकी मां का देहांत हो चुका था और Edison भी बहुत बड़े और महान वैज्ञानिक बन चुके थे और इतना पुराना खाद मिलने पर उन्होंने सोचा कि जल्दी से देखता हूं मेरे बारे में और क्या क्या लिखा है एडिशन ने उत्सुकता वश उसको खोल कर दिखा और पढ़ें लेकिन उसमें जो लिखा था उसे पढ़कर Edison रोने लगे क्योंकि उसमें लिखा था आपका बच्चा मेंटली वीक (mentally weak) है उसे अब कभी स्कूल में ना भेजें दोस्तों Edison कई घंटों तक रोते रहे
और फिर उन्होंने अपनी एक डायरी में लिखा कि एक महान मा ने एक (mentally weak) बच्चे को सदी का सबसे ग्रेट साइंटिस्ट (great scientist) बना दिया
यही होती है पॉजिटिव पेरेंट्स के real power अगर इंसान का जन्म हुआ है तो उसे इस दुनिया से एक दिन जाना भी पड़ेगा और यही सत्य है इस महान वैज्ञानिक Thomas Alva Edison ने 18 अक्टूबर 1931 को संसार से विदा ली और जाते-जाते पूरी दुनिया को रोशन कर गई दोस्तो आप जानते हो मृत्यु को भी उन्होंने भारी प्रयोगों के लिए दूसरी प्रयोगशाला में जाना समझा उन्होंने कहा मैंने अपना जीवन कार्य पूर्ण किया अब मैं दूसरे को योग के लिए तैयार हूं इस भावना के साथ विश्व की इस महान साइंटिस्ट (Scientist) संसार छोड़ दिया और क्या आप जानते हैं उनके आखिरी शब्द क्या थी उन्होंने कहा कि वहां पर सब कुछ बहुत सुंदर है दोस्तों उनकी मुंह से निकली हर बात एक सकारात्मक सोच से उत्पन्न हुई लगती है उनकी मौत पर पूरा अमेरिका की लाइट 1 दिन के लिए बंद कर दी गई थी उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में कभी हार नहीं मानी और खुद पर विश्वास किया कई बार 4 दिन बिना सोए प्रयोग करते रहते थे दोस्तों वह मानते थे उनकी सफलता का राज है कि उनकी प्रयोगशाला में कोई घड़ी नहीं है दोस्तों अक्सर कहा करते थे कि मैंने अपने जीवन में कभी एक दिन भी काम नहीं किया वह सब तो मेरे लिए मनोरंजन था लेकिन आप और मैं हम सब जानते हैं कि वह अपने इस मनोरंजन में इस दुनिया को क्या-क्या देकर चले गए
6:- Moral Of The Story
आज के लिए बस इतना ही दोस्तों आप को ये आर्टिकल केसा लगा हमे कमैंट्स में जरूर बताइए और ऐसे ही उपदटेस पाने के लिए हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब करदिजिएगा
धन्यवाद ap ka sachin
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